भोपाल. इंडिया डेटलाइन. कॉमरेड गिरीश गौतम मध्यप्रदेश विधानसभा के नए अध्यक्ष होगे। कॉमरेड और भाजपा ! जी हाँ, गिरीश गौतम कम्युनिष्ट पार्टी से भाजपा में आए थे। विध्य की उपेक्षा के लगातार तेज होते स्वरों को शांत करने के लिए भाजपा अपने इस चार बार के विधायक को आसंदी पर बैठा रही है। कांग्रेस ने कल होने वाले अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
मप्र विधानसभा का सत्र कल सोमवार से शुरू हो रहा है। कोविड में सत्र आयोजित नहीं किया गया था। केवल विधायकों को शपथ दिलाई गई थी। रामेश्वर शर्मा अब तक प्रोटेक्शन स्पीकर थे। शिवराज सिंह सरकार के नए कार्यकाल में यह पहला संपूर्ण सत्र होगा। इसी में बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
गिरीश गौतमजी बैरिस्टर गुलशेर अहमद, रामकिशोर शुक्ल, श्रीनिवास तिवारी के बाद चौथे ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो विंध्य से विधायिका की उच्च आसंदी पर बैठेंगे। यह संयोग ही है कि गिरीश गौतम ने ही 2003 के चुनाव में मनगवां विधानसभा क्षेत्र से परास्त करके उन्हें राजनीति के बियावान पहुँचाया था। गिरीशजी का सत्रह साल की संसदीय जीवन है।1972 से एक छात्रनेता के रूप में राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। वे लगभग 30 साल तक सड़कों पर मोर्चा लेते रहे। 2003 से पहले भी वे तीन चुनाव कम्युनिष्ट पार्टी के टिकट पर लड़ चुके थे पर विफलता हाथ में लगी। टर्निंग प्वाइंट 1998 में आया जब वे भाकपा की टिकट पर मनगँवा से चुनाव लड़े और महज 196 मतों से पीछे रह गए। बाद में भाजपा में शामिल हुए। 2003 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज व मुख्यमंत्री के समानांतर रसूख रखने वाले श्रीनिवास तिवारी को 28 हजार से ज्यादा मतों से हराकर देशभर के अखबारों की सुर्खियां बने।